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आज का समय घूमने और फिरने का हैं। आज 21 सदी में लोगो का घर से ज्यादा मन और खुशी घूमने फिरने में लगता हैं।
पुराने समय मे लोग किसी कारण से एक शहर से अन्य शहर जाते थे। बिना कारण के अपना घर नही छोड़ते थे।

बुजुर्गो का घर छोड़ने के पीछे कुछ कारण होते थे। जैसे शादी,मौत या किसी त्यौहार या पारिवारिक या मिलने वालों के कार्यक्रम में लोग जाते थे। वो भी एक तहसील या गांव के आसपास। जिसमे भी काफी लम्बी चौड़ी चर्चाओ का बाजार कई दिनों तक समझता था। 

लेकिन आज तो रिस्तो का दूर दूर तक होना और साथ ही रिस्तो से लेकर घूमने और पिकनिक व हनीमून हो या फैमिली टूर जब चाहो घर से अपनी गाड़ी हो या रेल बस या हवाई जहाज या अन्य तरीकों से घूमने निकल जाते हैं।

दोस्तो क्या आज पूरी दुनिया घरों में हैं। नही। कोरोना से पहले तो मानो घरों में कोई था ही नही या रहता ही नही था। लेकिन कोरोना के कारण लोगो ने थोड़ा घूमना फिरना कम किया हैं। लेकिन अब 2022 आते आते कोरोना का डर लगभग लोगो के दिलो दिमाग से निकल गया हैं। अब लोग सिर्फ और सिर्फ घूमने का मौका ढूंढ रहे हैं।

बड़े हो या बच्चे आज सबका एक ही वाक्य है चलो थोड़ा चार पांच दिन घूम आएंगे। बच्चे भी बोर हो रहे हैं। रास्ते का ज्ञान और खाने पीने की सामग्री के साथ निकल पड़ते हैं लोग अपने घरों से।

निकले भी क्यो नही 21 सदी का जमाना हैं सबकुक डिजिटल हैं। आज लोग ऑनलाइन बुकिंग्स से अपने मोबाइल और लैपटॉप से जगहों की जानकारी और साथ ही ऑनलाइन बुकिंग की से अपने रुकने की बुकिंग करने के बाद कोई चिंता बाकी नही बचती। इसलिए किसी भी जगह या प्राकर्तिक स्थानों पर जाकर पहाड़ो,सागरो और नदियों झरनों के किनारों और जंगलों में जहाँ देखो पर्यटन ही पर्यटन का बोल बाला।

आज देश और दुनिया मे लोग क्रॉस बॉर्डर घूमने की योजनाओं को पहले से ज्यादा तव्वजो दे रहे है। मेरा मानना हैं कि लोग कोरोना के बाद अभय की स्तिथि में आ गए हैं। यानी अब जो होगा देखा जाएगा।

साथ ही दुनिया मे अब एकता और समझ का विकास कोरोना के बाद लगभग 100% बढ़ गया है।

चलो यह तो मेरी दैनिक चर्चा का विषय हैं। आप शायद बोर हो जाएंगे। अब मैं भी अपना लेख यही पूरा करता हूँ शायद आप भी सोने के मूड में होंगे। क्योकि रात के 10 बज रहे हैं। शुभ रात्रि।